DAP Urea Latest Price : किसानों के लिए डीएपी यूरिया से महत्वपूर्ण कोई खाद नहीं है और बिना इसके उन्हें खेती करने में काफी ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है खेती में अच्छे पैदावार के लिए इन दोनों खातों का उपयोग किया जाता है बीजेपी और यूरिया फसल की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए और मिट्टी की उर्वरक क्षमता सुधारने और उत्पादन को अधिकतम करने में मदद करता है यदि फसल के लिए सही मात्रा में खाद का प्रयोग ना किया जाए तो पैदावार कम होता है और किसानों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है आज हम इस लेख में डीएपी और यूरिया की कीमतों के बारे में जानेंगे . DAP Urea Latest Price
डीएपी, यूरिया की महत्व
डीएपी और यूरिया केवल एक खाद ही नहीं बल्कि यह किसने की फसल और कृषि उत्पादन के लिए आधारभूत सामग्री है डीएपी का पूरा नाम ( Di-ammonium Phosphate ) मैं 18% नाइट्रोजन और 48% फास्फोरस मिला होता है। फास्फोरस मिट्टी की उर्वरक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है और फसल को मजबूत बनाता है यूरिया के मुख्य रूप से नाइट्रोजन होता है जो फसल की वृद्धि के लिए आवश्यक है।
इन दोनों करो के सही उपयोग से न केवल फसल की विकास होती है बल्कि मिट्टी की गुणवत्ता भी बेहतर होती है किसानों के लिए यह जानना जरूरी है कि डीएपी और यूरिया का संतुलित उपयोग फसल उत्पादन में सीधी तौर पर असर डालता है
पहले डीएपी और यूरिया की कीमत
सरकार द्वारा गस्त हटाने से पहले डीएपी और यूरिया की कीमत कुछ इस प्रकार थी पहले 50 किलो वाली डीएपी की बोरी सब्सिडी के बाद लगभग 1350 रुपए में उपलब्ध था वही वास्तविकता कीमत लगभग 15 सो रुपए थी जिसे सब्सिडी के तहत काम कर दिया गया था यूरिया के लिए भी सरकार सब्सिडी के चलते कीमत कम रखी जाती थी
किसानों के लिए एक राहत की बात थी क्योंकि सब्सिडी के कारण खाद की लागत कम हो जाती थी हालांकि वास्तविकता उत्पादन लागत इस स्तर से अधिक होती थी
जीएसटी हटाने के बाद नई कीमतें !
2025 में जीएसटी हटाने के बाद डीएपी और यूरिया की कीमत में बदलाव आए हैं किसानों को मिलने वाला 45 किलो वाला उड़िया का बाग अब 262 रुपए से लेकर 268 रुपए के बीच उपलब्ध होगा यह कीमत भी सरकारी सब्सिडी के तहत है और सरकार ने इसे स्थिर रखने का बात कही है।
वास्तविकता लागत बिना सब्सिडी के लगभग ₹2500 प्रति बैग से अधिक हो सकती है सब्सिडी के चलते यह कीमत किसानों के लिए काफी कम हो जाती है इसलिए किसानों की आर्थिक स्थिति पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ता और वह समय पर खाद खरीद कर अपने फसलों की पैदावार बढ़ा सकते हैं।
Dap और यूरिया की आपूर्ति !
सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि किसानों को पर्याप्त मात्रा में डीएपी और यूरिया मिले मार्च 2025 तक सरकारी कंपनी यूरिया का आयात कर रही थी ताकि घरेलू बाजार में सप्लाई बनी रहे इससे किसानों को खाद की कमी नहीं होगी और खेती बाड़ी में व्यवधान नहीं आएगा।
खेती के लिए यह सुझाव
किसानों के लिए यह जरूरी है कि वह डीएपी और यूरिया का सही समय और सही मात्रा में उपयोग करें फसल के प्रकार और मिट्टी की उर्वरक क्षमता के अनुसार खाद का चयन करना चाहिए साथ ही सरकार सब्सिडी और नई कीमतों की जानकारी हमेशा देती रहती है ताकि वह सही निर्णय ले सके।
निष्कर्ष
डीएपी और यूरिया किसानों के लिए आवश्यक खाद है जीएसटी हटाने के बाद उनकी कीमत में कुछ बदलाव आए हैं लेकिन सरकार ने सब्सिडी और आयात के माध्यम से किसानों को राहत दी है 45 किलो वाली उड़िया बाग अब 262 रुपए से लेकर 268 रुपए में उपलब्ध होगा और वास्तविकता लागत बिना सब्सिडी के 2500 से अधिक है
Disclaimer : यह जानकारी पूरी तरह से सैटेक नहीं हो सकती अगर आप पूरी तरह से सैटेक जानकारी चाहते हैं तो अपने नजदीकी खाद भंडार में जाकर इसकी भाव का पता लगा सकते हैं।