Bihar Jameen Registry : बिहार सरकार में सितंबर 2025 में जमीन सर्वे और रजिस्ट्री प्रक्रिया के लिए नया कानून लागू किया है इसके बाद कहीं श्रेणियां की जमीन बेचना खरीदना अथवा बटवारा करना अब पहले जैसा संभव नहीं रहेगा सरकार का मकसद फर्जीवाद, विवाद और गलत Environment को रोकना है।
नया कानून के मुख्य प्रावधान जमीन
रजिस्ट्री और बटवारा की प्रक्रिया सिर्फ ₹100 के स्टांप पेपर पर परिवार के अंदर ही उपलब्ध होगी इससे पहला अक्षर भारी शुल्क देना पड़ता था जो अब हटा दिया गया है Bihar Jameen Registry
सरकार ने साफ किया है कि बिना सही रिकार्ड व दस्तावेज के अब जमीन बेचना या खरीदना संभव नहीं है दस्तावेज ऑनलाइन आवेदन बायोमेट्रिक हुआ वीडियो रिकॉर्डिंग के जरिए सुनिचित किए जाएंगे
पुराने जमाने के कागजात नष्ट या गुम हो जाने की स्थिति में मलिक आना हक नहीं जाएगा ऐसे लोगों को सरकार द्वारा विकल्प कर्तव्य या स्पेशल डिक्लेरेशन देना होगा
कौन सी जमीन अब नहीं बिकेगी !
ऐसे जमीन जिनका रिकॉर्ड दर्ज नहीं है या दिन में परिवार का बंटवारा साफ तौर पर दर्ज नहीं है सरकार ने बंटवारे वह दाखिला खारिज की प्रक्रिया पर शक्ति लागू की है
विवादी या फिर फर्जी दस्तावेज वाली जमीन जिनकी पहचान नहीं सर्वे अभियान के तहत कर ली जाएगी
जिन जमीनों पर 50 वर्ष या अधिक समय के कब्जा है उनका मलिक आना हाथ सीधे सर्वे टीम के जरिए दर्ज होगा लेकिन बिना सही हकदार या दस्तावेज के रजिस्ट्रेशन नहीं होगी
रजिस्ट्रेशन और बंटवारे की प्रक्रिया !
सरकार ने 16 अगस्त से 25 सितंबर 2025 तक राजस्व महा अभियान चलाया है जिसमें ध्वस्त पुरानी या गलत जानकारी को सुधारना सही रिकॉर्ड तैयार किया जा सके
सभी भूमि मालिकों को अपने दस्तावेज खतियान दाखिला खारिज वंशावली आदि आवश्यक दस्तावेज देने होंगे वरना जमीन का ट्रांसफर या बटवारा नहीं होगा
अगर दस्तावेज गुम है तो सेल्फ डिक्लेरेशन से भी प्रक्रिया संभव होगी बाकी दस्तावेज बाद में जोड़े जा सकते हैं
निष्कर्ष
बिहार में जमीन रजिस्ट्री बटवारा और बिक्री की प्रक्रिया अब बेहद सख्त और पारदर्शित हो गई है अब गलत दस्तावेज या बिना मालिकाना हक वाली जमीन को बेचना या रजिस्ट्रेशन करना नामुमकिन होगा नए कानून में राज्य में भूमि विवादों को समाप्त करना और सही हकदार के अधिकार सुरक्षित करने की देश में ऐतिहासिक कदम होगा